बुजुर्ग पेंशन हरियाणा चुनावों में बड़ा मुद्दा, कांग्रेस 3 हजार से 6 हजार, इनेलो 7500 रुपये प्रतिमाह और जजपा 5100 रुपये प्रतिमाह करने का कर रही वादा
- By Vinod --
- Saturday, 24 Aug, 2024
Elderly pension is a big issue in Haryana elections
Elderly pension is a big issue in Haryana elections- चंडीगढ़ (साजन शर्मा)I बुजुर्ग पेंशन का मुद्दा आगामी हरियाणा विधानसभा चुनावों में एक बड़े मुद्दे के तौर पर उभरकर सामने आ रहा है। यही वजह है कि चुनाव में उतर रहे सभी राजनीतिक दल अपने अपने तौर पर वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने की घोषणा कर रहे हैं। राजनीतिक पंडित इस प्रथा को लोकलुभावन करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि ग्रामीण व शहरी अंचल के बुजुर्गों को लुभाने की यह योजना है।
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने वृद्धावस्था पेंशन 3,000 रुपये से बढ़ाकर 6,000 रुपये करने की घोषणा की है। वहीं इंडियन नेशनल लोक दल (आईएनएलडी) ने सत्ता में आने पर 7,500 रुपये प्रति माह देने की घोषणा की है। नवंबर 2019 से मार्च 2024 तक बीजेपी की गठबंधन सहयोगी रही दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर 5,100 रुपये प्रति माह करने का वादा कर रही है। संसदीय चुनाव से ठीक पहले भाजपा द्वारा सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद, दुष्यंत चौटाला ने यहां तक दावा किया था कि उन्होंने भाजपा नेतृत्व से कहा था कि अगर उनकी पार्टी वृद्धावस्था पेंशन के लिए 5,100 रुपये प्रति माह का वादा पूरा करती है तो वह एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी और सभी सीटों पर उसका समर्थन करेंगे। हालांकि भाजपा और जजपा का ब्रेकअप बुजुर्ग पेंशन से बिलकुल अलग कारणों से हुआ।
1 अप्रैल 1964 में 15 रुपये प्रतिमाह थी पेंशन
हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन हालांकि कम है लेकिन उनकी पेंशन में बढ़ोतरी का वादा चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। स्वयं के संसाधनों से अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ और वित्तीय सहायता की आवश्यकता वाले लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए वृद्धावस्था पेंशन शुरू की गई थी। सामाजिक न्याय और अधिकारिता निदेशालय, हरियाणा के अनुसार, यह योजना संयुक्त पंजाब के समय 1 अप्रैल, 1964 को शुरू की गई थी। निदेशालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पेंशन की दर, योजना की शुरुआत में 15 रुपये प्रति माह थी। समय-समय पर इसे संशोधित किया गया और पेंशन बढ़ाई गई। हरियाणा सरकार ने इस योजना को 1 नवंबर, 1966 को लागू किया जब 2,382 लाभार्थियों को 24,680 रुपये की राशि का लाभ पेंशन भुगतान के रूप में किया गया। हालाँकि, वृद्धावस्था पेंशन योजना को 1987 में तत्कालीन देवीलाल सरकार द्वारा 65 वर्ष या उससे अधिक आयु वालों के लिए 100 रुपये प्रति माह कर दिया गया था। 1991 में, आयु कम कर दी गई और अब 60 वर्ष या उससे अधिक की आयु प्राप्त करने वाले लोग 3,000 रुपये प्रति माह पाने के पात्र बना दिये गए।
हरियाणा में बुजुर्ग पेंशन के 17 लाख 85 हजार से ज्यादा लाभार्थी
राज्य में वृद्धावस्था पेंशन पात्र बनने के लिए, हरियाणा निवासी व्यक्ति की आयु 60 वर्ष होनी चाहिए। लाभार्थी की अपने जीवनसाथी के साथ सभी स्रोतों से संयुक्त आय 3 लाख रुपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। हरियाणा सरकार के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में हरियाणा में वृद्धावस्था पेंशन के केवल 17,85,137 लाभार्थी हैं, जिस पर राज्य का 2023-34 के लिए 5,538 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट है। लाभार्थियों को पेंशन सीधे उनके खाते में ट्रांसफर की जाती है। 2 अगस्त तक, हरियाणा में लगभग 2.01 करोड़ मतदाता हैं जो आगामी मतदान में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। सामाजिक वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं का मानना है कि वृद्धावस्था पेंशन की ये संख्या भले ही कम हो, लेकिन जहां तक मतदान का सवाल है, ग्रामीण इलाकों में इन लोगों का अपने परिवारों पर गहरा प्रभाव है। वे राज्य के ग्रामीण समाज में राय निर्माता हैं और उनको आसानी से राजनीतिकरण किया जा सकता है।
आत्मविश्वास देती है पेंशन
हरियाणा के अंबाला के वशिष्ट नगर इलाके में पेंशन पा रही करीब 86 साल की सत्यावती ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन पहले 300 रुपये प्रति माह थी, जो अब 3,000 रुपये प्रति माह तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि इस राशि से उन्हें दवाइयां और छोटी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है। अपनी बेटियों को छोटे उपहार या शगुन देने के लिए भी इसे प्रयोग करती हैं। अंबाला के गांव बब्याल के मदनलाल के मुताबिक वृद्धावस्था पेंशन वास्तव में उन्हें आत्मविश्वास देती है और उनके जैसे वृद्ध व्यक्तियों को उच्च आत्मसम्मान प्राप्त करने में मदद करती है क्योंकि इस राशि से उन्हें पैसे के लिए बच्चों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। उनकी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने में इससे मदद मिलती है।